Thursday, June 30, 2011

प्‍यारी नानी

कितनी प्‍यारी बूढ़ी नानी
हमें कहानी कहती है
जाते हम छुट्टी के दिन में
दूर गाँव वह रहती है।


उनके आँगन लगे हुए हैं
तुलसी और अमरूद, अनार
और पास में शिव का मंदिर
पूजा करतीं घंटे चार।


हमको देती दूध, मिठाई
पूड़ी खीर बनाती हैं
कभी शाम को नानी हमको
खेत दिखाकर लाती हैं।


कभी कभी हमको समझातीं
जब हम करते नादानी
पैसे देकर चीज दिलातीं
कितनी प्‍यारी हैं नानी।।

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